Nifty 50 Prediction: 28 अप्रैल 2025 से सप्ताह का Nifty trend analysis

पिछले सप्ताह भारतीय शेयर बाजार ने मिलेजुले मूड में कारोबार किया। सप्ताह की शुरुआत तेजी के साथ हुई, लेकिन अंत में बिकवाली से दबाव बढ़ा। सोमवार (21 अप्रैल) को निफ्टी 50 में 1.15% की तेजी आई और यह 24,125.55 पर बंद हुआ। मंगलवार (22 अप्रैल) को भी तेजी जारी रही, निफ्टी 24,167.25 +42 अंक) के स्तर पर बंद हुआ। बुधवार (23 अप्रैल) को निफ्टी ने चार महीने के उच्च स्तर (24,329) को छूते हुए 162 अंकों की बढ़त दर्ज की। हालांकि गुरूवार (24 अप्रैल) को बाजार अचानक सुस्त पड़ा और निफ्टी 24,246.70 पर (-0.34%) बंद हुआ। सप्ताह बंद होने पर (25 अप्रैल) भारत–पाक तनाव की वजह से तेज बिकवाली हुई, निफ्टी 24,039.35 (-0.86%) पर आ गया। संक्षेप में, पिछले सप्ताह की शुरूआत में सात दिवसीय रैली की उम्मीदनी थी, लेकिन अंत में निचले स्तरों पर सप्ताह समाप्त हुआ।
Technical analysis: महत्वपूर्ण समर्थन और प्रतिरोध स्तर
तकनीकी विश्लेषण में चार्ट पर प्रमुख समर्थन-प्रतिरोध स्तरों पर ध्यान देना जरूरी है। मौजूदा स्थिति में निफ्टी अब 50-दिनीय एवरेज से ऊपर है, लेकिन 200-दिनीय मूविंग एवरेज (लगभग 24,000) के नीचे फिसला हुआ है। यह एक चेतावनी है कि आगे गिरावट की प्रवृत्ति आ सकती है। तकनीकी विशेषज्ञों के मुताबिक निफ्टी के लिए पहले समर्थन 24,000 के करीब है और यदि यह स्तर टूट गया तो 23,800/23,515 तक गिरावट संभव है। ऊपरी ओर प्रमुख प्रतिरोध 24,300 व 24,550 के करीब है। इन स्तरों पर पार करके निफ्टी अगले मीलस्टोन की ओर बढ़ सकता है। यदि 24,000-अंक मजबूत बना रहा, तो बुलिशता बनी रहेगी, वरना नीचे गिरने पर 23,800 और इससे नीचे के स्तरों तक दबाव बढ़ सकता है। ट्रेडर्स के लिए इस सप्ताह 24,000 के समीप बनाए गए स्टॉप लॉस और 24,300–24,550 को लक्ष्य बनाने की रणनीति उपयुक्त रहेगी।
मुख्य घरेलू एवं वैश्विक घटनाएँ
आने वाले सप्ताह में निफ्टी पर कई घरेलू और विदेशी कारक प्रभाव डाल सकते हैं। घरेलू तौर पर जारी Q4FY25 के नतीजे और विदेशी पूँजी (FII) की खरीद-बिक्री देखा जाएगा। अभी तक एफ.आइ.आई. ने साप्ताहिक स्तर पर खरीदारी की रूचि दिखाई है, परन्तु कुछ मुख्य कंपनियों के कमजोर परिणाम निवेशकों को सतर्क रख सकते हैं। ग़ौरतलब है कि हाल ही में भारत-पाक तनाव बढ़ने से बाजार में नकारात्मक भावना रही, और इसी आशंका का असर अगले सप्ताह भी रह सकता है।
वैश्विक घटनाओं में इस सप्ताह अमेरिका की पहली तिमाही GDP रिपोर्ट, कोर PCE महंगाई सूचकांक, ISM एवं PMI सर्वेक्षण तथा गैर-कृषि रोजगार डेटा की रिपोर्ट सामने आनी है। इन आंकड़ों से अमेरिकी अर्थव्यवस्था की सेहत का अंदाजा लगेगा, जो वैश्विक प्रवृत्तियों को प्रभावित करेगा। साथ ही अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध की स्थिति (टैरिफ वार), डोगेकोइन (DOGE) से जुड़े रोजगार कटौती, और वैश्विक PMIs (जापान, थाईलैंड समेत) पर भी सबकी नजर रहेगी। ऊंची तेल की कीमतें और भारतीय मानसून की फ़िर से सुधरी प्रग्नोसे भी बाजार पर असर डाल सकते हैं।
Sectors trends:
- बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र: पिछली साप्ताहिक रैली में बैंकिंग इंडेक्स ने रिकॉर्ड ऊँचाई देखी। इस सप्ताह बैंकिंग शेयरों में फिर से धार देखी जा सकती है, विशेषकर यदि ग्लोबल बैंकों की घोषणा सकारात्मक रही।
- सूचना प्रौद्योगिकी (IT): शुक्रवार को IT सेक्टर बहुतेरे सेक्टर्स की तुलना में मजबूत रहा, जैसा कि Infosys, TCS आदि शेयरों की मजबूती से स्पष्ट है। टेक्नोलॉजी शेयरों को वैश्विक मंदी की आशंकाओं में भी सपोर्ट मिल सकता है।
- रियल एस्टेट और निर्माण: पिछले हफ्ते रियल्टी इंडेक्स गिरावट में रहा। यदि राजनीतिक तनाव बना रहता है या कर्ज़ की क़ीमतें बढ़ती हैं, तो रियल्टी शेयरों पर दबाव रह सकता है।
- ऊर्जा और धातु: तेल-गैस और मेटल इंडेक्स पर गिरावट रही। कच्चे तेल की ऊंची कीमतें और चीन की आर्थिक धीमी रफ्तार इन क्षेत्रों को प्रभावित कर सकती है।
- मिडकैप/स्मॉलकैप: पिछली रातरील में छोटे-मझोले शेयरों में भी उतार-चढ़ाव दिखा। मंगलवार को जब बाजार हरा रहा तो मिड-स्मॉलकैप में तेजी देखी गई, लेकिन शुक्रवार को ये 2.5% से अधिक गिर गए।
FII/DII गतिविधियाँ और मार्केट सेंटीमेंट
विदेशी निवेशकों (एफ.आइ.आई.) का रुख बाज़ार को इस सप्ताह समर्थन देता रहा। Business Standard के अनुसार एफ.आइ.आई. ने 15 अप्रैल को बड़ी खरीद की थी (पिछले वर्ष की बड़ी ख़रीदारी में से एक), जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डी.आई.आई.) ने सतर्क रहकर बिकवाली की। हालांकि बाज़ार मनोदशा अभी भी अनिश्चित है। विशेषज्ञों के मुताबिक निवेशक भारत-पाक तनाव, वैश्विक आर्थिक संकेतकों और Q4 नतीजों पर निर्भर करते हुए फैसला लेंगे। मध्यम अवधि में विदेशी पूंजी प्रवाह और संवेदनशील रुझान बाजार में दिशा तय करेंगे।
Bullish scenario:
- अगर निफ्टी 24,000-अंक के ऊपर बना रहता है, तो भारतीय बाजार में मंदी के जोखिम कम रहेंगे। इस स्थिति में Nifty 50 prediction के अनुसार अगला बढ़त लक्ष्य 24,300 और 24,550 अंक तक हो सकता है।
- सकारात्मक वैश्विक संकेत (जैसे अमेरिकी Q1 GDP में तेजी, कोर PCE में गिरावट) आने से निवेशकों का उत्साह बढ़ सकता है। इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और सामान्य मानसून की उम्मीदें भी बाजार के पक्ष में रहींगी।
- घरेलू कारणों में बेहतर कॉर्पोरेट परिणाम (विशेषकर बैंकिंग/वित्तीय क्षेत्र में), और LIC/IPOs जैसी सकारात्मक घोषणाएँ बाजार को सहारा देंगी। इन स्थितियों में निवेशक रक्षात्मक सेटर्स (जैसे IT, Pharma) की ओर रुख कर सकते हैं, जिससे व्यापक बाजार को बूस्ट मिलेगा।
Bearish scenario:
- अगर निफ्टी 23,800-अंक के नीचे टूटता है, तो बड़ी बिकवाली शुरू हो सकती है। तकनीकी विश्लेषकों के मुताबिक 23,800 और 23,515 पर सशक्त समर्थन हैं; इन पर टूटने पर निफ्टी और गिर सकता है।
- भारत-पाक उच्च तनाव बरकरार रहने पर, भू-राजनीतिक आशंकाएं बढ़ेंगी, जिससे निफ्टी पर गिरावट का दबाव बनेगा। इसी तरह वैश्विक स्तर पर अमेरिकी मुद्रास्फीति बढ़ने या ट्रेड वार तनाव तेज होने से विदेशी प्रवाह ठंडा हो सकता है।
- कमजोर Q4 नतीजे (विशेषतः बैंक, कंस्यूमर, ऑटो सेक्टर में) निराशा फैला सकते हैं। जैसे कि ट्रेड एनेलिस्ट कहते हैं: “निफ्टी ने अपने 200-डीएमए के नीचे कारोबार किया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि मंदी रुख लौट सकता है”। इस स्थिति में निवेशक शेयरों में बिकवाली और जोखिम से बचेंगे।
अंतिम दृष्टिकोण और ट्रेडिंग रणनीति सुझाव
अगले सप्ताह निफ्टी 50 के लिए समग्र दृष्टिकोण सावधानीपूर्ण सकारात्मक है। महत्वपूर्ण गणनाओं और तकनीकी स्तरों पर नजर रखते हुए ट्रेड करना चाहिए। ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी सुझाव:
निफ्टी 24,000 के आस-पास सहारा बनाये रखने पर खरीदारी करें और 23,800 के नीचे ख़रीदारी से बचें। यदि 24,300 टूटता है, तो छोटे-समय के लिए लेवल 24,550 तक तेजी देखी जा सकती है। जोखिम से निपटने के लिए स्टॉप-लॉस का प्रयोग करें (उदाहरण: 23,800 के पास), और पिछले रेजिस्टेंस को अब सपोर्ट मानकर काम करें। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि मौजूदा माहौल में एक हेज्ड/जोखिम-प्रबंधित दृष्टिकोण अपनाएं। उन शेयरों पर ध्यान दें जिनके Q4 नतीजे अच्छे आने की संभावना हो, और जोखिम भरे सेक्टरों से दूरी बनाकर चलें। निवेश से पहले अपने रिस्क-एपेटाइट और टाइमफ्रेम को ध्यान में रखें।
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नोट: यह विश्लेषण केवल जानकारी के उद्देश्य से है, इसे वित्तीय सलाह न समझें। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से राय अवश्य लें।